Thursday, February 15, 2018

दुनिया भर तुम!

मैं
दुनिया भर की
औरतों से प्यार करने के बाद
तुम्हारे पास आया हूँ

दुनिया भर की वो
ख़ूबसूरत औरतें
जिनको देख कर
प्यार करने के अलावा
किसी को कुछ ना सूझे
जिनको देख कर
किसी भी कवि की कल्पना
प्रेम गीतों से भर जाए
जिनको देख कर
उनके प्रेम में
तड़ीपार हो जाने की सज़ा
भी मामूली जान पड़े

दुनिया भर की वो
समझदार औरतें
जिनसे ज़िरह कर
बार-बार उनसे
हार जाने का मन हो
जिनके जीत का आसमान
इतना बड़ा है कि
उसे ढ़कने को
नीला रंग कम पड़ जाए
जिनके बातों की
गहराई के आगे
आंखों की गहराई वाली
सारी कविताएँ ओछी लगने लगे

दुनिया भर की वो
कमाल की औरतें
जिन्हें इतना कुछ मिला
कि वो ना भी मिले
तो उनके आशिक़
ग़म ना मनाए
जिन्होंने इतना कुछ पाया
कि उनकी चाह में
ख़ुद भी खो जाएं
तो अफ़सोस ना रहे
जिनकी संघर्ष की कहानियों
के आगे अपने सच्चे प्यार
की दास्तान तक फ़ीकी लगे

दुनिया भर की वो
बेवकूफ़ औरतें
जिन्होंने इतना प्यार किया
कि अपने प्रेमी की आँखों में
झूठ नहीं पहचान सकीं
जिन्होंने अपने इंतेज़ार की
कोई समय-सीमा नहीं तय की
अपने प्रेमी के छोड़ जाने के बाद
जो प्यार में बिना शर्त,
बिना सवाल, बिना सोचे
अपने प्रेमी की बातों में आ गयीं

मैं
दुनिया भर की
अच्छी-बुरी औरतों
से, अच्छे बुरे तरीकों से
प्यार करने के बाद
तुम्हारे पास आया हूँ
बहुत कुछ जीत कर
तुम्हारे आगे सब कुछ
हार जाने आया हूँ
अपने होशोहवास,
अपनी सद्बुद्धि,
अपनी सारी कमाई,
सब कुछ खो देने आया हूँ

तुम्हारा
मेरे सामने होना
मेरे लिए दुनिया भर के
रुक जाने जैसा होता है
तुम्हारी काली आँखों
का मुझे देखना, इस दुनिया
से मेरी सारी शिकायतें
दूर कर देता है
उस एक क्षण में
जब सब जस का तस
रुका होता है
मैं दुनिया भर की
औरतों से कहता हूँ कि
मैंने तुम सबसे
प्यार किया
मगर ख़ाक में मुझे
मेरे सामने खड़ी
इस औरत के प्यार
में मिलना है
मुझे इस सूरज
की धूप में
पिघलना है

दुनिया भर की
वो सारी औरतें
मुझे तुम में
दिखती हैं और
मैं, तुम्हारे पास
तुम्हारी आँखों में
अपने लिए प्यार देखने आया हूँ

~ हिमांशु

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