सुबह बेदाग़ है।
एक ख़्वाब.. एक कोशिश..
Tuesday, October 8, 2024
जिसमें तुम नहीं हो!
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एक कविता है जो मैं लिखना चाहता हूँ पर मुझसे लिखी नहीं जा रही है हमारी आख़िरी मुलाकात की ये आख़िरी कविता जिसमें मुझे उस मुलाकात के पहले और ...
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प्रेम की कविता!
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तुम्हारा प्रेम मेरे लिए कविताएँ पढ़ने का बहाना था सुबह से प्रेम की बीसों कविताएँ पढ़ चुका हूँ तुम्हारे प्रेम में डूबते-डूबते कविताओं के...
2 comments:
रात!
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जैसे रात दोगुनी कर देती है दर्द, पीड़ा, तकलीफें तन्हाईयाँ, अकेलापन रुकावटें, मुश्किलें, मुसीबतें ठीक उसी तरह हर रात दुगना हो जाता है त...
दुनिया भर तुम!
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मैं दुनिया भर की औरतों से प्यार करने के बाद तुम्हारे पास आया हूँ दुनिया भर की वो ख़ूबसूरत औरतें जिनको देख कर प्यार करने के अलावा किसी...
Friday, November 23, 2018
अंत
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'अंत' अपने आप में बड़ा हृदयविदारक शब्द है, साथ ही साथ इस शब्द से एक नकारात्मकता भी जुड़ी है. किसी प्रेमकहानी का अंत, पसंदीदा कविता का ...
Saturday, January 20, 2018
ब्लैक एंड व्हाइट!
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I. दुनिया बंट जानी चाहिए। ब्लैक एन्ड व्हाइट में, हाँ या ना में, एकदम चाहिए और बिल्कुल नहीं चाहिए में। नैतिक-अनैतिक, सही-गलत, अच्छा-ब...
Sunday, January 14, 2018
मुश्किल है अपना मेल प्रिये!
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मुश्किल है अपना मेल प्रिये ये प्यार नहीं है खेल प्रिये तुम मेरे सपनों से भी सुंदर हो मैं दाँत निपोरता क्रिस गेल प्रिये मुश्किल है अपना म...
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