Saturday, November 11, 2017

तुमसे मिलना!

आज जिस जगह पर मैं था, वहाँ मेरी जगह पर होना दुनिया में सबसे बुरी जगह पर होना था। वो लड़की जिस से आपको बेइंतेहा मोहब्बत है वो आपके सामने खड़ी है, और वो इतनी खूबसूरत लग रही है कि बस आप चाहते हों कि इस दुनिया का चलना, इस समय का आगे बढ़ना अभी के अभी रोक दिया जाना चाहिए ताकि आप बस उसको देख सकें और देखते रह सकें; तब तक जब तक आप उसे अपनी आँखों में भर लेने का ख़्वाब पूरा नहीं कर लेते या तब तक जब तक उसे देखते देखते आपकी जान नहीं चली जाती। आपने जो उसका रूप ख़्यालों में सोचा था वो उस से भी ख़ूबसूरत लग रही है; किसी कविता की तरह, किसी ग़ज़ल की तरह, मुझे नहीं पता किसकी तरह बस लग रही है और आप कुछ नहीं कर सकते। आप उसकी आँखों में देख कर उसे बता नहीं सकते कि उसको देख कर कितनी देर से आपकी सांसे थमी हुई हैं; आपने अपने ख़्यालों में हर रोज़ उसे सीने से लगाया है पर आज जब वो सामने है आप उसे छू कर ये भी नहीं पूछ सकते कि कहीं ये सब फ़िर से कोई ख़्याल ही तो नहीं। आप कुछ नहीं कर सकते सिवाए मलाल के। आप कुछ नहीं कर सकते सिवाए अपनी तक़दीर पर हँसने के। आप ना उसे पाने की चाह छोड़ सकते हैं ना उस से मोहब्बत करना और आप खुद से निराश होना भी नहीं बंद कर सकते। और आपकी मोहब्बत सामने है, इसीलिए आप हँसना भी नहीं छोड़ सकते। आप कुछ नहीं कर सकते सिवाए उस से और मोहब्बत करने के।
मोहब्बत में सौ तरह के दर्द होते होंगे पर अपने महबूब से मिल कर भी ना मिलने के दर्द से ज्यादा अफ़सोस भरा दर्द कोई भी नहीं। इत्तेफ़ाक़ से मुझे कुछ और मिला ना मिला हो, ये दर्द ख़ूब मिला है और मेरी क़िस्मत ऐसी है कि मैं इन इत्तेफाक़ों के बंद हो जाने की दुआएं भी नहीं माँग सकता क्योंकि मैं जी ही इन इत्तेफाक़ों के भरोसे रहा हूँ। मेरी जगह पर होना सबसे बुरी जगह पर होना है।

~ हिमांशु

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